इकोनॉमिस्ट राधिका पांडे! सिर्फ इस वजह से 46 साल की उम्र में ही हो गई मौत।

डॉ. राधिका पांडे (Economist) के निधन को लेकर काफी खबरें आ रही है, सोशल मीडिया पर और अखबारों मे भी उनके निधन को लेकर दुख जताया जा रहा है, और हमें भी जान कर काफी दुख हुआ है, क्योंकि हमने एक महान  (Economist) खोया है, अगर आपको नहीं मालूम कि  (Economist)  डॉ. राधिका पांडे कौन है, तो आईए जानते हैं कि डॉ. राधिका पांडे कौन है और उनका निधन कैसे हुआ।

कौन थी डॉ. राधिका पांडे?

डॉ. राधिका पांडे ने BHU से पढ़ाई करी और उसके बाद Ph.D भी की थी, आपको बता दें कि उन्होंने 2008 से National Institute of Public Finance and Policy (NIPFP) में वह Associate Professor भी रही थी, और पहले वह National Law University, Jodhpur में वित्त और कानून की शिक्षिका भी रह चुकी थीं, उन्होंने बहुत अखबारों और वेबसाइट्स में लेख भी लिखे थे, जैसे कि The Print का MacroSutra कॉलम, और वह एक प्रसिद्ध Economist थी, उन्होंने भारत के बहुत अहम प्रोजेक्ट्स मे काम भी किया था, वैसे तो उनकी कई खासियत है लेकिन उनमें से एक यह कि वह एक अनुभवी अर्थशास्त्री (economist) थी, उन्होंने शिक्षण और लेखनी में 20 सालो से अधिक का अनुभव प्राप्त किया था।

Dr. Radhika Panday economist

डॉ. राधिका पांडे का कैसे हुआ निधन?

आपको बता दें कि पहले उन्हें टायफाइड (Typhoid) हो गया था, जिससे उन्हें लीवर में काफी दिक्कत हो गई थी और पीलिया (जॉन्डिस) भी हो गया था, वही उनकी तबीयत खराब होने पर दिल्ली के एक अस्पताल (ILBS) में भर्ती भी कराया गया था, उनकी जान बचाने के लिए उनके बेटे ने लीवर भी डोनेट कर दिया था, लेकिन ऑपरेशन करने के बाद भी उनकी तबीयत ठीक नहीं हो पाई जिससे उनका निधन 28 जून‌ 2025 को 46 साल की उम्र में ही हो गया, जो पूरे भारतीय समाज मे काफी बड़ा नुकसान हुआ है।

सोशल मीडिया में शोक बनाया जा रहा है:

डॉ. राधिका पांडे के निधन की खबर सुनकर सोशल मीडिया पर शोक के काफी चर्चे हो रहे हैं, वह एक प्रसिद्ध कॉलमिस्ट और अर्थशास्त्री (Economist) थी, जिन्होंने अपनी होशियारी और अपने अनुभवी ज्ञान से बहुत लोगों को प्रेरित भी करा था।

• शेखर गुप्ता, द प्रिंट के Founder, ने ट्वीट किया है कि, हमे डॉ. राधिका पांडे के निधन से दुख हो रहा है, क्योंकि उनकी लेखनी को हमेशा याद मे रखा जाएगा।

• दीपांशु मोहन ने भी ट्वीट किया है कि, डॉ. राधिका पांडे के निधन की खबर सुनकर मैं बिल्कुल हैरान हूं। क्योंकि वह एक अनोखी (Economist) अर्थशास्त्री थीं, जिन्होंने मैक्रोइकॉनॉमिक्स के Field में काफी अच्छा काम किया है।

Dr. Radhika Panday economist

डॉ. राधिका पांडे के योगदान:

उन्होंने 2014 में Public Debt Management Agency Task Force का भी मार्गदर्शन किया था, और उसके साथ उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों पर रिसर्च भी करी थी‌ और सरकार के बहुत अहम PROJECTS मे भी काम किया हुआ है, और आपको बता दें कि उनके काम से RBI को‌ काफी मदद भी मिली थी, और इन सब योगदान और मदद के साथ-साथ उन्होंने अपने काफी अनुभवी ज्ञान से बहुत लोगों को प्रेरित भी किया था। 

निष्कर्ष:

जैसा कि डॉ. राधिका पांडे एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री (economist) और विश्लेषक भी थीं। उन्होंने शिक्षा, और लेख में भी काफी योगदान दिया था। उनकी खासियत यह थी कि वह एक अनुभवी अर्थशास्त्री (economist) थी, उन्होंने शिक्षण और लेखनी में 20 सालो से अधिक का अनुभव प्राप्त किया था, और उनके अचानक निधन हो जाने के बाद पूरे भारतीय समाज और शिक्षा जगत के लिए भी काफी बड़ा नुकसान हुआ है, और सोशल मीडिया पर भी डॉ. राधिका पांडे के निधन को लेकर काफी दुख जताया गया हैं।

इस वजह से डॉ. राधिका पांडे का निधन हुआ था।हमें आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर भी करिएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को डॉ. राधिका पांडे के निधन के बारे में जानकारी मिल पाए।

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